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Question Numbers: 41-45
निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
जब कुछेक व्यक्ति लाखों लोगों के भाग्य की डोर अपने हाथ में थामे रहेंगे, तब तक जीवन का यहरूप कृत्रिम, अस्वाभाविक और असभ्य बना रहेगा। अत: हमें उन सबको इस पाशविक चक्र से मुक्त कराने की कोशिश करनी चाहिए। इसलिए सामाजिक भेद-भाव, आर्थिक विषमता ओर राजनीतिक तानाशाही को मिटा दिया जाना चाहिए। जहाँ तक हमारे देश का सम्बन्ध है, गांधीजी ने इनके खिलाफ संघर्श किया और उनका सारा संघर्ष अहिंसा की भावना पर आधारित रहा। उनके अनुसार अहिंसा का अथ्र हैसर्वोदय अर्थात सबका उदय, सबका कल्याण। उन्होंने अपना सारा जीवन सर्वोदय के लिए समार्पित कर दिया। वे अत्यन्त विनीत थे। उन्होंने किसी भी प्रकार के सदाचार या निभ्रांतता का दावा नहीं किया। उन्होंने धैर्यपूर्वक दूसरों के विचारों को सुना और ऐसे लोगों के साथ कभी भी अपना माथा गरम नहीं किया। इसी प्रकार का धैर्य आज के संसार में विजयी हो सकता है। इसीलिए गांधीजी का जीवन लोगों का आदर्श बन गया है। मानवता के लिए यह आशा है और उसके भविष्य के लिए एक प्रेरणा।
निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
जब कुछेक व्यक्ति लाखों लोगों के भाग्य की डोर अपने हाथ में थामे रहेंगे, तब तक जीवन का यहरूप कृत्रिम, अस्वाभाविक और असभ्य बना रहेगा। अत: हमें उन सबको इस पाशविक चक्र से मुक्त कराने की कोशिश करनी चाहिए। इसलिए सामाजिक भेद-भाव, आर्थिक विषमता ओर राजनीतिक तानाशाही को मिटा दिया जाना चाहिए। जहाँ तक हमारे देश का सम्बन्ध है, गांधीजी ने इनके खिलाफ संघर्श किया और उनका सारा संघर्ष अहिंसा की भावना पर आधारित रहा। उनके अनुसार अहिंसा का अथ्र हैसर्वोदय अर्थात सबका उदय, सबका कल्याण। उन्होंने अपना सारा जीवन सर्वोदय के लिए समार्पित कर दिया। वे अत्यन्त विनीत थे। उन्होंने किसी भी प्रकार के सदाचार या निभ्रांतता का दावा नहीं किया। उन्होंने धैर्यपूर्वक दूसरों के विचारों को सुना और ऐसे लोगों के साथ कभी भी अपना माथा गरम नहीं किया। इसी प्रकार का धैर्य आज के संसार में विजयी हो सकता है। इसीलिए गांधीजी का जीवन लोगों का आदर्श बन गया है। मानवता के लिए यह आशा है और उसके भविष्य के लिए एक प्रेरणा।
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