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Question Numbers: 129-135
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही / सर्वाधिक उपयुक्त का चयन कीजिए।
जीवन में रौनक तब है, जब वह बड़े सहज और सरल तरीके से बिना किसी प्रपंच के जिया जाए। जीवन जैसा निश्छल, निष्कपट है, वैसा ही जिया जाए तो जीना वरदान बन जाता है। जीवन जैसा मिला है उसको हम वैसा ही जीते हैं, तो यह जीवन का सम्मान होता है। अधिकतर हम जैसा जीवन है, उसे छोड़ दिखावे का जीवन जीने लगते हैं। यह दिखावे का जीवन हमें बाहर तो अपने को कुछ बड़ा दिखाने में मदद करता है, लेकिन भीतर से खोखला भी करता चलता है। क्योंकि आडंबर से भरा जीवन अहंकार पर आधारित होता है और अहंकार हमारी जीवंतता को खा जाता है। अहंकार में हम केवल बाहर की तरफ देखकर जीते हैं जबकि जीवन कहीं भीतर बह रहा होता है।
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही / सर्वाधिक उपयुक्त का चयन कीजिए।
जीवन में रौनक तब है, जब वह बड़े सहज और सरल तरीके से बिना किसी प्रपंच के जिया जाए। जीवन जैसा निश्छल, निष्कपट है, वैसा ही जिया जाए तो जीना वरदान बन जाता है। जीवन जैसा मिला है उसको हम वैसा ही जीते हैं, तो यह जीवन का सम्मान होता है। अधिकतर हम जैसा जीवन है, उसे छोड़ दिखावे का जीवन जीने लगते हैं। यह दिखावे का जीवन हमें बाहर तो अपने को कुछ बड़ा दिखाने में मदद करता है, लेकिन भीतर से खोखला भी करता चलता है। क्योंकि आडंबर से भरा जीवन अहंकार पर आधारित होता है और अहंकार हमारी जीवंतता को खा जाता है। अहंकार में हम केवल बाहर की तरफ देखकर जीते हैं जबकि जीवन कहीं भीतर बह रहा होता है।
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