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Question Numbers: 129-135
दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
कई लोगों को ज़रूरत न होने पर भी चीज़ों को खरीदने और इकट्ठा करने की आदत होती है। यह आदत टी.वी., समाचारपत्रों आदि के विज्ञापनों से बहुत प्रभावित होती है। समाज में बड़े पैमाने पर मौजूद इस स्थिति को उपभोक्तावाद कहते हैं। उपभोक्तावाद के विस्फोट पर अब सवाल उठने लगे हैं क्योंकि इसने पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्त्व पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। उपभोक्तावाद, अतिउपभोग, बेहिसाब कचरा - उत्पादन और प्रदूषण का दानव तेल संसाधनों की नींव पर खड़ा है। तेल अपने-आप में कोई चिरस्थायी ऊर्जा स्रोत नहीं है। इन जीवाश्म ईंधनों ने बेहिसाब मात्रा में प्रदूषण पैदा किया है जो जीवन के विविध रूपों के लिए बेहद विनाशकारी है। इसके मद्देनज़र नई सदी में पश्चिमी जगत अपने भविष्य के लिए पर्यावरण की दृष्टि से भरोसेमंद और टिकाऊ विकल्पों के लिए विकासशील देशों की तरफ मुड़ रहा है। क्योंकि इन देशों में ऐसी ऊर्जा पद्धतियाँ ही जीवन का आधार रही हैं। साइकिल रिक्शा एक ऐसा ही विकल्प है। यह पूरे एशिया और विशेषकर भारतीय उपमहाद्वीप में परिवहन का एक लोकप्रिय साधन है।
दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
कई लोगों को ज़रूरत न होने पर भी चीज़ों को खरीदने और इकट्ठा करने की आदत होती है। यह आदत टी.वी., समाचारपत्रों आदि के विज्ञापनों से बहुत प्रभावित होती है। समाज में बड़े पैमाने पर मौजूद इस स्थिति को उपभोक्तावाद कहते हैं। उपभोक्तावाद के विस्फोट पर अब सवाल उठने लगे हैं क्योंकि इसने पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्त्व पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। उपभोक्तावाद, अतिउपभोग, बेहिसाब कचरा - उत्पादन और प्रदूषण का दानव तेल संसाधनों की नींव पर खड़ा है। तेल अपने-आप में कोई चिरस्थायी ऊर्जा स्रोत नहीं है। इन जीवाश्म ईंधनों ने बेहिसाब मात्रा में प्रदूषण पैदा किया है जो जीवन के विविध रूपों के लिए बेहद विनाशकारी है। इसके मद्देनज़र नई सदी में पश्चिमी जगत अपने भविष्य के लिए पर्यावरण की दृष्टि से भरोसेमंद और टिकाऊ विकल्पों के लिए विकासशील देशों की तरफ मुड़ रहा है। क्योंकि इन देशों में ऐसी ऊर्जा पद्धतियाँ ही जीवन का आधार रही हैं। साइकिल रिक्शा एक ऐसा ही विकल्प है। यह पूरे एशिया और विशेषकर भारतीय उपमहाद्वीप में परिवहन का एक लोकप्रिय साधन है।
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