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Question Numbers: 129-135
दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के रूप में सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
व्यक्ति की सोच, उसका मूल स्वभाव और व्यवहार कितना भी परिपक्व या संयत हो, संगत या मंडली के तौर-तरीकों से अछूता रहना उसके लिए दुष्कर होता है। यह नियम प्रकृति और समाज दोनों में लागू होता है। किसी फल या सब्ज़ी का आकार, स्वाद, रंग-रूप और गुणवत्ता क्षेत्र विशेष की मिट्टी के अनुसार मिलेगी। शादी-ब्याह, अन्य मिलन समारोह में कुछ व्यक्ति अनेक अपरिचितों या कम परिचितों से मुलाकात का लाभ उठाने के बदले उन्हीं अंतरंग व्यक्तियों से मिलते-जुलते मिलेंगे जिनसे वे अकसर मिलते रहते हैं। किन व्यक्तियों या समूह से हम अंतरंगता और मेलभाव बनाते और निरंतर सुदृढ़ करते रहते हैं, यह अत्यंत अहम् विषय है। यह निर्धारित करता है कि हम जीवन में कितना ऊपर तक पहुँचेंगे। जिनके बीच हम अधिक समय बिताएँगे उनके भाव-विचारों में अधिक लिप्त रहेंगे, उन्हीं के अनुरूप सोचेंगे और कार्य करेंगे। धीमे-धीमे उसी साँचे में ढल जाएँगे।
दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के रूप में सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
व्यक्ति की सोच, उसका मूल स्वभाव और व्यवहार कितना भी परिपक्व या संयत हो, संगत या मंडली के तौर-तरीकों से अछूता रहना उसके लिए दुष्कर होता है। यह नियम प्रकृति और समाज दोनों में लागू होता है। किसी फल या सब्ज़ी का आकार, स्वाद, रंग-रूप और गुणवत्ता क्षेत्र विशेष की मिट्टी के अनुसार मिलेगी। शादी-ब्याह, अन्य मिलन समारोह में कुछ व्यक्ति अनेक अपरिचितों या कम परिचितों से मुलाकात का लाभ उठाने के बदले उन्हीं अंतरंग व्यक्तियों से मिलते-जुलते मिलेंगे जिनसे वे अकसर मिलते रहते हैं। किन व्यक्तियों या समूह से हम अंतरंगता और मेलभाव बनाते और निरंतर सुदृढ़ करते रहते हैं, यह अत्यंत अहम् विषय है। यह निर्धारित करता है कि हम जीवन में कितना ऊपर तक पहुँचेंगे। जिनके बीच हम अधिक समय बिताएँगे उनके भाव-विचारों में अधिक लिप्त रहेंगे, उन्हीं के अनुरूप सोचेंगे और कार्य करेंगे। धीमे-धीमे उसी साँचे में ढल जाएँगे।
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