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लघु उद्योग उन उद्योगों को कहा जाता है जिनके समारम्भ एवंआयोजन के लिए भारी-भरकम साधनों की आवश्यकता नहीं पड़ती ।वे थोड़े-से स्थान पर, थोड़ी पूँजी और अल्प साधनों से ही आरम्भकिए जा सकते हैं। फिर भी उनसे सुनियोजित ढंग से अधिकाधिकलाभ प्राप्त करके देश की निर्धनता, गरीबी और विषमताओं से एकसीमा तक लड़ा जा सकता है। अपने आकार-प्रकार तथा साधनों की लघुता व अल्पता के कारण ही इस प्रकार के उद्योग-धंधों कोकुटीर-उद्योग भी कहा जाता है। इस प्रकार के उद्योग-धंधे अपने घरमें भी आरंभ किए जा सकते हैं और अपने सीमित साधनों का सदुपयोगकरके आर्थिक लाभ कमाया जा सकता है और सुखी-समृद्ध बना जासकता है। भारत जैसे देश के लिए तो इस प्रकार के लघु उद्योगोंका महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि यहाँ युवाओं की एक बहुतबड़ी संख्या बेरोजगार है। इसी कारण महात्मा गांधी ने मशीनीकरण काविरोध किया था। उनकी यह स्पष्ट धारणा थी कि लघु उद्योगों कोप्रश्रय देने से लोग स्वावलम्बी बनेंगे, मजदूर-किसान फसलों की बुआई-कटाईसे फुर्सत पाकर अपने खाली समय का सदुपयोग भी करेंगे । इस प्रकारआर्थिक समृद्धि तो बढ़ेगी ही, साथ ही लोगों को अपने घर के पासरोजगार मिल सकेगा |
Language-I : Hindi
निर्देश (प्र.सं. 121 से 129 ) : नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के सही/सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए। लघु उद्योग उन उद्योगों को कहा जाता है जिनके समारम्भ एवंआयोजन के लिए भारी-भरकम साधनों की आवश्यकता नहीं पड़ती ।वे थोड़े-से स्थान पर, थोड़ी पूँजी और अल्प साधनों से ही आरम्भकिए जा सकते हैं। फिर भी उनसे सुनियोजित ढंग से अधिकाधिकलाभ प्राप्त करके देश की निर्धनता, गरीबी और विषमताओं से एकसीमा तक लड़ा जा सकता है। अपने आकार-प्रकार तथा साधनों की लघुता व अल्पता के कारण ही इस प्रकार के उद्योग-धंधों कोकुटीर-उद्योग भी कहा जाता है। इस प्रकार के उद्योग-धंधे अपने घरमें भी आरंभ किए जा सकते हैं और अपने सीमित साधनों का सदुपयोगकरके आर्थिक लाभ कमाया जा सकता है और सुखी-समृद्ध बना जासकता है। भारत जैसे देश के लिए तो इस प्रकार के लघु उद्योगोंका महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि यहाँ युवाओं की एक बहुतबड़ी संख्या बेरोजगार है। इसी कारण महात्मा गांधी ने मशीनीकरण काविरोध किया था। उनकी यह स्पष्ट धारणा थी कि लघु उद्योगों कोप्रश्रय देने से लोग स्वावलम्बी बनेंगे, मजदूर-किसान फसलों की बुआई-कटाईसे फुर्सत पाकर अपने खाली समय का सदुपयोग भी करेंगे । इस प्रकारआर्थिक समृद्धि तो बढ़ेगी ही, साथ ही लोगों को अपने घर के पासरोजगार मिल सकेगा |
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