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निर्देशः गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रशनों (प्र. स. 136 से 142 ) में सबसे उचित विकल्प चुनिए।
कुछ कहा जा रहा हो उससे कहीं महत्वपूर्ण होता है अपनी बात कहने का तरीका। अप कितनी ही जरूरी बात क्यों न कहें, अगर आपकी बात कोई सुने नहीं, महसूस ही न करे, तो उसे कहने का फायदा ही क्या? किसी के कहे को सुनने के लिए, उसे महसूस करने के लिए, पूरा ध्यान केंद्रित करने की जरूरत होती है और वही मिलता था मुझे उस महान संगीतज्ञ बीथोवन के स्वरों द्वारा-पूरा ध्यान। आप पूछ सकते हैं कि "आवाजाही और बातचीत के शोर से भरे किसी कमरे के दूसरे छोर पर बैठा कोई बच्चा उन आठ कोमल स्वरों को भला कैसे सुनता होगा ?" इस सवाल का जवाब तो कोई भी शिक्षक दे सकता है। ये स्वर तो वे बच्चे ही सुन पाते थे जो पियानो के बिलकुल पास खड़े हों, और तब उनका स्पर्श दूसरों को आगाह करता था। पर कुछ ही क्षणों में तेजी से फैलती वह खामोशी ही बोलने लगती थी और जब तक अाखिरी स्वर की गूंज खत्म होती, सभी बच्चे शांत हो चुके होते थे। वे खामोशियाँ, वे सन्नाटे याद रहेंगे मुझे... सात क्या उसके भी कई-कई सालों बाद भी।
कुछ कहा जा रहा हो उससे कहीं महत्वपूर्ण होता है अपनी बात कहने का तरीका। अप कितनी ही जरूरी बात क्यों न कहें, अगर आपकी बात कोई सुने नहीं, महसूस ही न करे, तो उसे कहने का फायदा ही क्या? किसी के कहे को सुनने के लिए, उसे महसूस करने के लिए, पूरा ध्यान केंद्रित करने की जरूरत होती है और वही मिलता था मुझे उस महान संगीतज्ञ बीथोवन के स्वरों द्वारा-पूरा ध्यान। आप पूछ सकते हैं कि "आवाजाही और बातचीत के शोर से भरे किसी कमरे के दूसरे छोर पर बैठा कोई बच्चा उन आठ कोमल स्वरों को भला कैसे सुनता होगा ?" इस सवाल का जवाब तो कोई भी शिक्षक दे सकता है। ये स्वर तो वे बच्चे ही सुन पाते थे जो पियानो के बिलकुल पास खड़े हों, और तब उनका स्पर्श दूसरों को आगाह करता था। पर कुछ ही क्षणों में तेजी से फैलती वह खामोशी ही बोलने लगती थी और जब तक अाखिरी स्वर की गूंज खत्म होती, सभी बच्चे शांत हो चुके होते थे। वे खामोशियाँ, वे सन्नाटे याद रहेंगे मुझे... सात क्या उसके भी कई-कई सालों बाद भी।
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