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Comprehension:(Que No. 129 - 135)
निर्देश- नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्नों के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
संसार के विकसित देशः जैसे जापान, अमेरिका, रूस तथा जर्मनी आदि समृद्धिशाली कैसे बने हैं? निश्चय ही कठोर परिश्रम द्वारा। जिस राष्ट्र के लोग दृढ़ संकल्प तथा परिश्रमपूर्वक कर्म में लीन हैं। उनकी उन्नति तथा प्रगति अवश्यंभावी है। परिश्रमी व्याक्ति विश्वासपूर्वक मार्ग की बाधाओं को हटाता हुआ निरंतर अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहता है जो परिश्रम से जी चुराता है वह सदा ही दीन-हीन ही बना रहता है। संसार में जितने भी महापुरुष हुए हैं उनकी महानता के पीछे कठिन परिश्रम ही रहा है चाहे न्यूटन और रमन जैसे वैज्ञानिक हों या शेक्सपियर और टैगोर जैसे कवि, बिरला जैसे व्यापारी हो या लिंकन, गाँधी जैसे जन-नेता। सभी ने अपने-अपने क्षेत्र में कठोर संघर्ष तथा अथक परिश्रम किया है।
निर्देश- नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्नों के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
संसार के विकसित देशः जैसे जापान, अमेरिका, रूस तथा जर्मनी आदि समृद्धिशाली कैसे बने हैं? निश्चय ही कठोर परिश्रम द्वारा। जिस राष्ट्र के लोग दृढ़ संकल्प तथा परिश्रमपूर्वक कर्म में लीन हैं। उनकी उन्नति तथा प्रगति अवश्यंभावी है। परिश्रमी व्याक्ति विश्वासपूर्वक मार्ग की बाधाओं को हटाता हुआ निरंतर अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहता है जो परिश्रम से जी चुराता है वह सदा ही दीन-हीन ही बना रहता है। संसार में जितने भी महापुरुष हुए हैं उनकी महानता के पीछे कठिन परिश्रम ही रहा है चाहे न्यूटन और रमन जैसे वैज्ञानिक हों या शेक्सपियर और टैगोर जैसे कवि, बिरला जैसे व्यापारी हो या लिंकन, गाँधी जैसे जन-नेता। सभी ने अपने-अपने क्षेत्र में कठोर संघर्ष तथा अथक परिश्रम किया है।
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