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Question Numbers: 91-99
निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही/सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए ।
हजारों वर्षों से मनुष्य नदी की ओर खिंचता चला आया है। केवल इसलिए नहीं कि वह हमारी और हमारे खेतों की प्यास बुझाती है, बल्कि इसलिए भी कि वह हमारी आत्मा को भी तृप्त करती है। संसार की सभी प्रमुख संस्कृतियों का जन्म नदियों की कोख से हुआ है । भारतीय संस्कृति गंगा की देन है, अंत में नदी समुद्र से जा मिलती है। पानी जहाँ से चला था, वापस वहीं पहुँच गया। नदी कभी न समाप्त होने वाली एक निरंतर रचना है। एक ऐसी शक्ति जो नित्य पुनर्जीवित होती रहती है। किंतु नदी एक अस्थिर मित्र है। हजारों वर्षों से वर्षा ऋतु में नदी तट के निवासियों को बाढ़ का प्रकोप भी झेलना पड़ता था। नदी का पानी उफन पड़ता है और तटबंधों को तोड़ता हुआ गाँव के गाँव बहा ले जाता था।
निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही/सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए ।
हजारों वर्षों से मनुष्य नदी की ओर खिंचता चला आया है। केवल इसलिए नहीं कि वह हमारी और हमारे खेतों की प्यास बुझाती है, बल्कि इसलिए भी कि वह हमारी आत्मा को भी तृप्त करती है। संसार की सभी प्रमुख संस्कृतियों का जन्म नदियों की कोख से हुआ है । भारतीय संस्कृति गंगा की देन है, अंत में नदी समुद्र से जा मिलती है। पानी जहाँ से चला था, वापस वहीं पहुँच गया। नदी कभी न समाप्त होने वाली एक निरंतर रचना है। एक ऐसी शक्ति जो नित्य पुनर्जीवित होती रहती है। किंतु नदी एक अस्थिर मित्र है। हजारों वर्षों से वर्षा ऋतु में नदी तट के निवासियों को बाढ़ का प्रकोप भी झेलना पड़ता था। नदी का पानी उफन पड़ता है और तटबंधों को तोड़ता हुआ गाँव के गाँव बहा ले जाता था।
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