CTET 2 Social Science 28 Dec 2022 Paper

Show Para  Hide Para 
Question Numbers: 91-99
दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
मन की चंचलता की भी कोई सीमा नहीं है। एक के बाद एक ख्याल आते ही रहते हैं मन में। मन की हर बात मानने या उसकी हर ख़्वाहिश को पूरा करने की कोशिश मानसिक रूप से भयंकर परिणाम लाती है। इससे हमारा मन अराजकता का शिकार हो जाता है और हमारी प्रसन्नता धूमिल होने लगती है। दिन-प्रतिदिन अधिक सोचना, अधिक चिंता करना और अपने सभी अनर्गल विचारों पर अति प्रतिक्रिया करना, ये सब हमारे मानसिक स्वास्थ्य को हानि पहुँचाते हैं। धर्म ने इसलिए इसे माया की संज्ञा दी है। तो सबसे पहले आपको अपनी जीवनशैली की जाँच करनी चाहिए और अपनी दोषपूर्ण आदतों को सुधारना चाहिए।

© examsnet.com
Question : 93
Total: 150
Go to Question: