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Comprehension:(Que No. 129 - 135)
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए -
भील समुदाय में चित्र बनाने वाले के लिए 'लखेरा' या 'लिखेन्द्र' शब्द का इस्तेमाल होता है। और चित्र बनाने की क्रिया के लिए 'लिखना' शब्द का इस्तेमाल होता है। चित्र बनाने की क्रिया को लिखना कहने से अनायास ही उसका पाट खासा चौड़ा हो जाता है। सामान्य तौर पर चित्रों के संदर्भ में सारा दारोमदार सिर्फ़ 'देखने' पर होता है। जबकि लिखने में देखने, सुनने, स्पर्श करने की अनुभूतियों को भी बिम्ब, रूपक आदि के ज़रिए बताया जाता है। भूरी बाई भील समुदाय की एक जानी-मानी महान लखेरा हैं। भूरी बाई की चित्रभाषा, विशेषकर शुरुआती चित्रभाषा में उन्हीं के समुदाय के गोदना का महत्वपूर्ण स्थान है। इनके अलावा वस्त्र, आभूषण, गीत कथाओं, अनुष्ठानों की आकृतियों ने भी भूरीबाई से अपना रूप साझा किया। भूरी बाई के चित्रों में अंकित पेड़, पक्षी और मानुषी आकृतियों में एक लय, एक मौज है जो प्रकृति की लय की मात्र नक़ल नहीं है। भूरी बाई ने मज़दूरी के साथ-साथ चित्रकारी कर एक मिसाल कायम की और पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त किया।
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भील समुदाय में चित्र बनाने वाले के लिए 'लखेरा' या 'लिखेन्द्र' शब्द का इस्तेमाल होता है। और चित्र बनाने की क्रिया के लिए 'लिखना' शब्द का इस्तेमाल होता है। चित्र बनाने की क्रिया को लिखना कहने से अनायास ही उसका पाट खासा चौड़ा हो जाता है। सामान्य तौर पर चित्रों के संदर्भ में सारा दारोमदार सिर्फ़ 'देखने' पर होता है। जबकि लिखने में देखने, सुनने, स्पर्श करने की अनुभूतियों को भी बिम्ब, रूपक आदि के ज़रिए बताया जाता है। भूरी बाई भील समुदाय की एक जानी-मानी महान लखेरा हैं। भूरी बाई की चित्रभाषा, विशेषकर शुरुआती चित्रभाषा में उन्हीं के समुदाय के गोदना का महत्वपूर्ण स्थान है। इनके अलावा वस्त्र, आभूषण, गीत कथाओं, अनुष्ठानों की आकृतियों ने भी भूरीबाई से अपना रूप साझा किया। भूरी बाई के चित्रों में अंकित पेड़, पक्षी और मानुषी आकृतियों में एक लय, एक मौज है जो प्रकृति की लय की मात्र नक़ल नहीं है। भूरी बाई ने मज़दूरी के साथ-साथ चित्रकारी कर एक मिसाल कायम की और पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त किया।
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