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Question Numbers: 121-128
दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए ।
आहार तथा पोषक तत्व एक नहीं हैं। हम जितना आहार ग्रहण करते हैं, उतने पौष्टिक तत्व प्राप्त नहीं करते बल्कि उतना ही पाते हैं, जितना सुगमतापूर्वक पचा सकते हैं। जब संचय एवं पाचन प्रणाली दुर्बल तथा शक्तिहीन हो जाते हैं, तब शरीर में वज़न की वृद्धि रुक जाती है। शरीर का दुर्बल होना इस तथ्य का सूचक है कि भोजन में पौष्टिक तत्वों का अभाव ही नहीं है बल्कि हमारे पाचन-तंत्र का शिथिल पड़ना भी है। ऐसे लोगों को भोजन की आवश्यकता नहीं बल्कि उनके पाचन एवं संचय यंत्रों को ठीक रखने की आवश्यकता है। यदि यंत्र ठीक हो जाए तो वज़न बढ़ाने में कोई समस्या नहीं होगी। अनुभव और परीक्षण दोनों ने सिद्ध किया है कि उपवास में निर्माणकारी शक्तियाँ बढ़ती हैं।
दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए ।
आहार तथा पोषक तत्व एक नहीं हैं। हम जितना आहार ग्रहण करते हैं, उतने पौष्टिक तत्व प्राप्त नहीं करते बल्कि उतना ही पाते हैं, जितना सुगमतापूर्वक पचा सकते हैं। जब संचय एवं पाचन प्रणाली दुर्बल तथा शक्तिहीन हो जाते हैं, तब शरीर में वज़न की वृद्धि रुक जाती है। शरीर का दुर्बल होना इस तथ्य का सूचक है कि भोजन में पौष्टिक तत्वों का अभाव ही नहीं है बल्कि हमारे पाचन-तंत्र का शिथिल पड़ना भी है। ऐसे लोगों को भोजन की आवश्यकता नहीं बल्कि उनके पाचन एवं संचय यंत्रों को ठीक रखने की आवश्यकता है। यदि यंत्र ठीक हो जाए तो वज़न बढ़ाने में कोई समस्या नहीं होगी। अनुभव और परीक्षण दोनों ने सिद्ध किया है कि उपवास में निर्माणकारी शक्तियाँ बढ़ती हैं।
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