CTET 2 Math and Science 10 Jan 2022 Paper

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Question Numbers: 129-135
हाल तक राष्ट्रवाद पर उपलब्ध बौद्धिक सामग्रियाँ जेंडर के प्रति अनजान रही हैं। लेकिन नारीवादी विद्वता के कार्यों ने जेंडर को विश्लेषण की एक कोटि के रूप में चिह्रित किया है और इस कारण राष्ट्र और जेंडर के बीच के संबंधों की खोज हुई है। नारीवादी शोध ने उजागर किया है कि राष्ट्रीय परियोजना में मर्द और औरतें अलग–अलग ढंग से शरीक होते हैं। इस तरह के अधिकांश कार्यों ने राष्ट्र की रचना के बरक्स औरतों के हाशियाकरण के सवाल पर ही अपने को केन्द्रित किया है। परिणामस्वरूप अधिकांशतः ऐसे विचार-विमर्श पुरुषों को भी 'गढ़ी गई कोटि' के रूप में विश्लेषित करने के कार्यभार की उपेक्षा करते हैं। मेरी समझ है कि यह असंतुलन स्त्री अध्ययनों की उस प्रवृत्ति से पैदा हुआ है जो हाल तक औरतों के अनुभव को जेंडर गढ़न के व्यापक सन्दर्भ में अवस्थित करने के बजाय औरतों के अनुभवों को सामने लाने पर केन्द्रित रही है। इस तरह का असंतुलन राष्ट्र और राष्ट्रवादी तर्क-विमर्श के भीतर मर्दानगी की अचिह्रित हैसियत के वजह से भी आया है। फिर भी जैसे-जैसे जेंडर तथा यौनिकता के साथ जेंडर के जुड़ाव की खोज हो रही है, वैसे-वैसे राष्ट्रवाद के बारे में विद्वतापूर्ण कार्य भी ज्यादा स्पष्ट तौर पर विकसित हो रहे हैं। इस प्रक्रिया में राष्ट्र की रचना में पुरुषों और औरतों दोनों के सम्बन्ध का विश्लेषण हुआ है और उन तरीकों की खोज हुई है, जहाँ राष्ट्रीय तर्क-विमर्श पुरुष और औरत को गढ़ता है।
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Question : 130
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