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Question Numbers: 121-128
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पीछे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये -
परमाणु की महाशक्ति का विध्वंसकारी रूप मनुष्य ने हिरोशिमा तथा नागासाकी में देखा और उसे चिंता हुई कि यदि उसके प्रयोग की दिशा न बदली गई तो बड़े भयावह परिणाम होंगे। भारत ने सदैव इस बात का प्रयत्न किया है कि परमाणु ऊर्जा का प्रयोग विनाशकारी कार्यों के लिए न किया जाए, केवल लोकमंगल के लिए उसका उपयोग हो। अब परमाणु-ऊर्जा मनुष्य के लिए कल्याणकारी उपयोग में विविध रूप में आने लगी। हल्के विस्फोट से सुरंग बनाने, खान खोदने और चट्टान तोड़ने आदि कार्यों में इसका उपयोग हो रहा है। कृषि-विज्ञान में भी परमाणु संबंधी अनुसंधान अनेक रूपों में हो रहा है। फलों एवं पौधों की नस्लों को संवृद्ध करके और रोगों से रक्षा करके उपज को बढ़ाने में काम लिया जा रहा है। चिकित्सा-विज्ञान ने भी इन अनुसंधानों का लाभ उठाया है। कैंसर जैसे प्राणघाती रोग के उपचार में परमाणु से बहुत सहायता मिलती है।
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पीछे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये -
परमाणु की महाशक्ति का विध्वंसकारी रूप मनुष्य ने हिरोशिमा तथा नागासाकी में देखा और उसे चिंता हुई कि यदि उसके प्रयोग की दिशा न बदली गई तो बड़े भयावह परिणाम होंगे। भारत ने सदैव इस बात का प्रयत्न किया है कि परमाणु ऊर्जा का प्रयोग विनाशकारी कार्यों के लिए न किया जाए, केवल लोकमंगल के लिए उसका उपयोग हो। अब परमाणु-ऊर्जा मनुष्य के लिए कल्याणकारी उपयोग में विविध रूप में आने लगी। हल्के विस्फोट से सुरंग बनाने, खान खोदने और चट्टान तोड़ने आदि कार्यों में इसका उपयोग हो रहा है। कृषि-विज्ञान में भी परमाणु संबंधी अनुसंधान अनेक रूपों में हो रहा है। फलों एवं पौधों की नस्लों को संवृद्ध करके और रोगों से रक्षा करके उपज को बढ़ाने में काम लिया जा रहा है। चिकित्सा-विज्ञान ने भी इन अनुसंधानों का लाभ उठाया है। कैंसर जैसे प्राणघाती रोग के उपचार में परमाणु से बहुत सहायता मिलती है।
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Question : 122
Total: 150
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