UPSSSC PET 16 Oct 2022 Shift 1 Paper
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Question Numbers: 59-63
निम्नलिखित अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गये प्रश्नोंके उत्तर दीजिए ।
लोग नियमित बचत करते रहने के बावजूद अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए संघर्ष करते रह जाते हैं। अपने जीवन के वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए यह जानना जरूरी है कि हम उन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कितनी बचत कर रहे है और उसे कहाँ निवेश कर रहे है, जिससे कि हम अपने निर्धारित उद्देश्य के अनुसार पैसा जोड़ सकें। साधारण भाषा में समझा जाए तो बचत और निवेश में अंतर इतना ही है कि जो राशि आप अपनी नियमित आय से, बचत कर अलग रख लेते हैं, वह बचत है और यदि आप अपनी उस बचत को कुछ रिटर्न प्राप्त करने के लिए ऐसा कुछ खरीदते हैं जो कि भविष्य में आपकी सम्पत्ति बन सके, वह निवेश है। बचत अल्पकालिक लक्ष्यों के लिए है। बैंक और पोस्ट ऑफिस के बचत खातों या अन्य किसी जगह का सीमित समय तक रखा गया पैसा बचत होता है, जो सुरक्षित होता है और आवश्यकता पड़ने पर आसानी से निकाला जा सकता है। गृहिणियों द्वारा बचाकर किचन में चावल के मर्तबान में रखा पैसा या साड़ियों की परतों के बीच छिपाकर रखा गया पैसा भी बचत की श्रेणी मे ही आएगा। बचत में रखा पैसा जब चाहिए हो तब सहजता से उपलब्ध होता है। अकसर यह बचत अल्पकालीन लक्ष्यों या आपातकालीन जरूरतो के लिए ही होता है। बचत में रखा गया आपका पैसा निवेश के मुक़ाबले अधिक सुरक्षित रहता है। इसमें बहुत कम या ना के बराबर जोखिम होता है। बचत में आपको रिटर्न बहुत कम मिलता है क्योंकि सभी बचत योजनाओं में ब्याज की दर कम होती है। इसमें आपको बहुत ही कम रिटर्न मिलता है जिससे मुद्रास्फीति भी कवर नहीं हो पाती है। दीर्घकालिक आर्थिक लक्ष्यों के लिए निवेश किया जाता है । मुख्य बचत और निवेश में अंतर यही है कि निवेश में आप उच्च रिटर्न प्राप्त कर सकते है। निवेश में ऊँचे रिटर्न की संभावना के साथ रिस्क भी रहता है। निवेश से आप लंबे समय तक मुद्रास्फीति को पछाड़ कर अपने धन में वृद्धि कर सकते है। म्युचूअल फंड और एस. आई. पी. आदि निवेश के प्रारंभिक तरीके हैं। जमीन, सोना, कमोडिटीज या शेयर आदि में निवेश करने के लिए अधिक धन और अनुशासन की आवश्यकता होती है और रिस्क भी ज्यादा रहता है, परन्तु सही तरीके से किया गया निवेश सम्पदा में कई गुनी वृद्धि कर सकता है। निवेश किया गया पैसा एकदम से उपलब्ध नहीं रहता है और इसे बेचकर दुबारा पैसा बनाने में समय भी लग सकता है। उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समय सीमा निर्धारित करनी चाहिए। कोई सपना ऐसा नहीं होता जो पूरा ना किया जा सके।
निम्नलिखित अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गये प्रश्नोंके उत्तर दीजिए ।
लोग नियमित बचत करते रहने के बावजूद अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए संघर्ष करते रह जाते हैं। अपने जीवन के वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए यह जानना जरूरी है कि हम उन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कितनी बचत कर रहे है और उसे कहाँ निवेश कर रहे है, जिससे कि हम अपने निर्धारित उद्देश्य के अनुसार पैसा जोड़ सकें। साधारण भाषा में समझा जाए तो बचत और निवेश में अंतर इतना ही है कि जो राशि आप अपनी नियमित आय से, बचत कर अलग रख लेते हैं, वह बचत है और यदि आप अपनी उस बचत को कुछ रिटर्न प्राप्त करने के लिए ऐसा कुछ खरीदते हैं जो कि भविष्य में आपकी सम्पत्ति बन सके, वह निवेश है। बचत अल्पकालिक लक्ष्यों के लिए है। बैंक और पोस्ट ऑफिस के बचत खातों या अन्य किसी जगह का सीमित समय तक रखा गया पैसा बचत होता है, जो सुरक्षित होता है और आवश्यकता पड़ने पर आसानी से निकाला जा सकता है। गृहिणियों द्वारा बचाकर किचन में चावल के मर्तबान में रखा पैसा या साड़ियों की परतों के बीच छिपाकर रखा गया पैसा भी बचत की श्रेणी मे ही आएगा। बचत में रखा पैसा जब चाहिए हो तब सहजता से उपलब्ध होता है। अकसर यह बचत अल्पकालीन लक्ष्यों या आपातकालीन जरूरतो के लिए ही होता है। बचत में रखा गया आपका पैसा निवेश के मुक़ाबले अधिक सुरक्षित रहता है। इसमें बहुत कम या ना के बराबर जोखिम होता है। बचत में आपको रिटर्न बहुत कम मिलता है क्योंकि सभी बचत योजनाओं में ब्याज की दर कम होती है। इसमें आपको बहुत ही कम रिटर्न मिलता है जिससे मुद्रास्फीति भी कवर नहीं हो पाती है। दीर्घकालिक आर्थिक लक्ष्यों के लिए निवेश किया जाता है । मुख्य बचत और निवेश में अंतर यही है कि निवेश में आप उच्च रिटर्न प्राप्त कर सकते है। निवेश में ऊँचे रिटर्न की संभावना के साथ रिस्क भी रहता है। निवेश से आप लंबे समय तक मुद्रास्फीति को पछाड़ कर अपने धन में वृद्धि कर सकते है। म्युचूअल फंड और एस. आई. पी. आदि निवेश के प्रारंभिक तरीके हैं। जमीन, सोना, कमोडिटीज या शेयर आदि में निवेश करने के लिए अधिक धन और अनुशासन की आवश्यकता होती है और रिस्क भी ज्यादा रहता है, परन्तु सही तरीके से किया गया निवेश सम्पदा में कई गुनी वृद्धि कर सकता है। निवेश किया गया पैसा एकदम से उपलब्ध नहीं रहता है और इसे बेचकर दुबारा पैसा बनाने में समय भी लग सकता है। उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समय सीमा निर्धारित करनी चाहिए। कोई सपना ऐसा नहीं होता जो पूरा ना किया जा सके।
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