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Question Numbers: 33-35
निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ था। ज्ञान, विज्ञान और तर्कशक्ति से सम्पन्न युवक। श्री रामकृष्ण परमहंस के शिष्य विवेकानन्द। कर्मठ, साहसी, जुझारु एवं ओजस्वी युग पुरुष। धर्म के पुनर्जागरण का बीड़ा उठाकर जब विवेकानन्द ने सर्वधर्म सम्मेलन में शिकागो में भाषण दिया तो समस्त जनता मन्त्रमुग्ध हो गई। उन्होनें दावा किया कि वेदान्त दर्शन ही सर्वोच्च दर्शन हैं। उन्नीसवीं सदी के अन्त तक जो लड़ाई धर्म के क्षेत्र में लड़ी जा रही थी कालान्तर में उसने स्वदेशी आन्दोलन को रुप धारण कर लिया। 1908 से गुप्त क्रान्ति के जो संगठन बने, उनकी मुख्य प्रेरणा भी विवेकानन्द की शिक्षाएँ थीं। विवेकानन्द ने भारत के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ था। ज्ञान, विज्ञान और तर्कशक्ति से सम्पन्न युवक। श्री रामकृष्ण परमहंस के शिष्य विवेकानन्द। कर्मठ, साहसी, जुझारु एवं ओजस्वी युग पुरुष। धर्म के पुनर्जागरण का बीड़ा उठाकर जब विवेकानन्द ने सर्वधर्म सम्मेलन में शिकागो में भाषण दिया तो समस्त जनता मन्त्रमुग्ध हो गई। उन्होनें दावा किया कि वेदान्त दर्शन ही सर्वोच्च दर्शन हैं। उन्नीसवीं सदी के अन्त तक जो लड़ाई धर्म के क्षेत्र में लड़ी जा रही थी कालान्तर में उसने स्वदेशी आन्दोलन को रुप धारण कर लिया। 1908 से गुप्त क्रान्ति के जो संगठन बने, उनकी मुख्य प्रेरणा भी विवेकानन्द की शिक्षाएँ थीं। विवेकानन्द ने भारत के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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