UP Police Constable Exam Model Paper 1

© examsnet.com
Question : 130
Total: 151
Comprehension:(Que No. 130-134)

निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न (17-21) के उत्तर दीजिए-
गुलाम-प्रथा जैसी परतंत्र समाज-व्यवस्था में गुलामों का भरण-पोषण करना और उन्हें स्वस्थ रखना उनके मालिकों का दायित्व था। गुलाम को अपने भोजन, कपड़ों और अपनी रिहायश के बारे में चिंता से मुक्त रखा जाता था। इस सबकी व्यवस्था करने के लिए मालिक बाध्य होता था। यह उसके मालिक के लिए बोझ नहीं होता था, क्योंकि गुलाम अपने ऊपर होने वाले खर्च से ज्यादा कमा लेता था लेकिन हर स्वतंत्र व्यक्ति के लिए अपनी रोजी-रोटी और मकान की कोई सुरक्षित व्यवस्था हमेशा संभव नहीं होती है, क्योंकि श्रमिक अपनी-अपनी कीमत जानते हैं। जो काम करने के लिए तैयार है, उस तक को काम नहीं मिलता और श्रमिक के संबंध में ऐसा कोई नियम भी नहीं है, जिसके अधीन उसे उन दिनों तक दाना-पानी मिल सके, जब तक उसे कोई काम नहीं मिल जाता है। यह नियम कि काम नहीं तो रोटी नहीं, गुलामों पर नहीं लागू होता है। उसके लिए रोटी के साथ-साथ काम ढूँढ़ने की जिम्मेदारी मालिक पर होती है। अगर मालिक उसके लिए काम ढूँढ़ने में असफल रहता है, तो इससे गुलाम का अपने लिए रोटी मिलने का अधिकार नहीं छिन जाता है। व्यापार में उतार-चढ़ाव, लाभ और हानि सामान्य परिवर्तन हैं, जिन्हें हर स्वतंत्र श्रमिक को भोगना होता है। लेकिन इनका गुलामों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इनका प्रभाव उसके मालिक पर तो पड़ सकता है, लेकिन गुलाम इन सबसे मुक्त है। उसे अपनी रोटी, शायद वही रोटी मिलती है, चाहे लाभ के दिन हों या घाटा हो रहा हो।
Question:
गद्यांश के आधार पर कौन-सा कथन असंगत है-
Go to Question: