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Question Numbers: 129-135
निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर दीजिए।
जिसके पास धैर्य है, वह जो इच्छा करता है, प्राप्त कर लेता है। प्रकृति हमें धीरज धारण करने की सीख देती है। धैर्य जीवन में लक्ष्य प्राप्ति का द्वार खोलता है। जो लोग 'जल्दी करो, जल्दी करो' की रट लगाते हैं, वे वास्तव में, 'अधीर मन, गति कम' की प्राचीन लोकोक्ति को चरितार्थ करते हैं। सफलता और सम्मान उन्हीं को प्राप्त होता है, जो धैर्यपूर्वक काम में लगे रहते है। शांत मन से किसी कार्य को करने में निश्चित रूप से कम समय लगता है। बचपन के बाद जवानी धीरे-धीरे आती है। संसार के सभी कार्य धीरे धीरे ही संपन्न होते हैं। यदि कोई रोगी डॉक्टर से दवाई लेने के तुरन्त पश्चात् पूर्णतया स्वस्थ होने की कामना करता है, तो यह उसकी नितांत मूर्खता है। वृक्ष को कितना भी पानी दो, परन्तु फल-प्राप्ति तो समय पर ही होगी।
निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर दीजिए।
जिसके पास धैर्य है, वह जो इच्छा करता है, प्राप्त कर लेता है। प्रकृति हमें धीरज धारण करने की सीख देती है। धैर्य जीवन में लक्ष्य प्राप्ति का द्वार खोलता है। जो लोग 'जल्दी करो, जल्दी करो' की रट लगाते हैं, वे वास्तव में, 'अधीर मन, गति कम' की प्राचीन लोकोक्ति को चरितार्थ करते हैं। सफलता और सम्मान उन्हीं को प्राप्त होता है, जो धैर्यपूर्वक काम में लगे रहते है। शांत मन से किसी कार्य को करने में निश्चित रूप से कम समय लगता है। बचपन के बाद जवानी धीरे-धीरे आती है। संसार के सभी कार्य धीरे धीरे ही संपन्न होते हैं। यदि कोई रोगी डॉक्टर से दवाई लेने के तुरन्त पश्चात् पूर्णतया स्वस्थ होने की कामना करता है, तो यह उसकी नितांत मूर्खता है। वृक्ष को कितना भी पानी दो, परन्तु फल-प्राप्ति तो समय पर ही होगी।
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