CTET Class I to V 22 Dec 2021 Paper

Show Para  Hide Para 
Question Numbers: 121-128
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए
मेरे दिमाग में बात आयी कि प्रेमचंद के ज़माने में आचार्य रामचंद्र शुक्ल भी थे और प्रेमचंद ने कभी भी आचार्य शुक्ल की तरफ नहीं देखा। उनकी जरुरत नहीं महसूस की।
फणीश्वरनाथ रेणु के जमाने में हिंदी कहानी के सबसे बड़े आलोचक नामवर सिंह थे - रेणु ने उनकी तरफ नहीं देखा। मुझे अपने लिए एक दूसरे आलोचक की तलाश करनी चाहिए, जिसे हम 'सामान्य पाठक' कहते हैं. ऐसा मुझे लगा। जिसे आम पाठक कहते हैं, कॉमन रीडर या सामान्य पाठक कहते हैं और जो लेखक उनकी स्मृतियों में और जुबान पर रह जाता है, कोई भी आलोचक उसे अनदेखा न करने के लिए मजबूर होता है । तो मैंने उस सामान्य पाठक को अपना आलोचक समझा। बाद के दिनों में जो कुछ भी लिखा, मैंने देखा कि उस आम पाठक की दिलचस्पी उसमें हो रही है।
जब मैंने लिखना शुरू किया था, तो ढेर सारे लोग लिख रहे थे हमारे साथ के। दिल्ली के लोग, चंडीगढ़ के लोग, इलाहाबाद के कथाकार-लेखक, जालंधर के कथाकार, पटना में और कलकत्ता में भी। लेकिन ज्यादातर लेखकों की नज़र दिल्ली या इलाहाबाद के उन लेखकों पर रहती थी, जो आधुनिक लेखक कहे जाते थे। मेरी भी कोशिश लगभग वैसी ही थी कि आधुनिक हो सकूँ और आधुनिक लेखन वह था, जो परम्परा से विद्रोह कर के किया जा रहा था, परम्परा को नकार कर किया जा रहा था। हम ऐसा नहीं सोच रहे थे। कहीं न कहीं मेरे भीतर लोक-परम्परा कहिए या प्रेमचंद की परंपरा वह थी, लेकिन मैं वैसा दिखना चाह रहा था जैसा वे कह रहे थे, लिख रहे थे।
© examsnet.com
Question : 127
Total: 150
Go to Question: