CTET Class I to V 20 Aug 2023 Paper

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Question Numbers: 121-127
निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों में सही/सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए।
जीवन में कभी अभाव का दुख, कभी स्वभाव का और कभी दुर्भाव का और इससे भी ऊपर सदैव तनाव का दुख घेरे रहता है। इन्हीं दुखों के वशीभूत हम टकराव की ज़िंदगी जीते हुए बिखराव का दुख भोगते हैं। दुखों से सभी डरते हैं, क्योंकि दुख अप्रिय हैं। दुखों से दूर रहने और सुख पाने की चाह में हम नए-नए पापों में प्रवेश करने लगते हैं। यही हमारी सबसे बड़ी भूल होती है। पाप का फल सुख रोकता है। सुख चाहिए तो पापों से मुक्त होने की चाह जागृत करनी होगी। दुखों से छुटकारा और सुख प्राप्ति का एकमात्र मार्ग है धर्म को आत्मसात करना। जहाँ धर्म है, वहाँ पाप नहीं है और जब पाप नहीं तो वहाँ दुख नहीं। जहाँ दुख नहीं वहाँ सुख को अनंत होने का पूरा अवसर प्राप्त होता है। दुख हमारी भूल और हमारे मानवीय स्तर से गिरकर घिनौने कर्मों का फल है।
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Question : 122
Total: 150
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