संवृद्धि दर बनाए रखने के लिए कोई सरकार राजकोषीय नीति निरूपित करती है, क्योंकि किस तरह आय (कर या पूंजी) या व्यय (खर्च; योजना खर्च, गैर योजना खर्च या अन्य व्यय) को प्रंबंधित करना है यह सब राजकोषीय नीति में निर्धारित होता है। भारत में वित्त मंत्रालय यह कार्य करता है, वह एक साल के सभी स्रोतों से प्राप्त हुई आमदनी का हिसाब करके, उसे किस तरह देश के विकास को बढ़ावा देकर खर्च करना है, आदि कार्य करके बजट में सरप्लस या घाटे आदि को देश के सामने प्रस्तुत करता है। जबकि वित्त आयोग सिर्फ सिफारिशें करता है, कि कहाँ, क्या और कैसे घाटा या टैक्स नहीं आ रहा, इसे कैसे निर्यात्रित किया जाए आदि कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए क्या योजना या तकनीकी अपनानी चाहिए।