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Question Numbers: 55-57
"आज के युग में जब वैज्ञानिक आविष्कार के कारण दुनिया में स्थान और समय की दूरी समाप्त होती जा रही है, कोई भी भाषा दूसरी भाषा के सम्पर्क से अपने को अछूता नहीं रख सकती। हिन्दी का यह एक विशेष गुण है कि उसने हिन्दुओं की भाषा होते हुए भी अरबी, फारसी, अंग्रेजी इत्यादि के शब्दों को अछूता नहीं समझा। बहिष्कार की नीति तो वह कदापि स्वीकार नहीं कर सकती और न विदेशी शब्दों को ही बाहर रखकर वह अपनी उन्नति कर सकती है। हिन्दुस्तान में हिन्दू मुसलमान, ईसाई, सिक्ख इत्यादि सभी बसते हैं, तो भी वह हिन्दुस्तान है। इसी प्रकार यदि हम सभी भाषाओं से उत्तम और आवश्यक शब्द लेंगे तो भी हिन्दी ही रहेगी।"
"आज के युग में जब वैज्ञानिक आविष्कार के कारण दुनिया में स्थान और समय की दूरी समाप्त होती जा रही है, कोई भी भाषा दूसरी भाषा के सम्पर्क से अपने को अछूता नहीं रख सकती। हिन्दी का यह एक विशेष गुण है कि उसने हिन्दुओं की भाषा होते हुए भी अरबी, फारसी, अंग्रेजी इत्यादि के शब्दों को अछूता नहीं समझा। बहिष्कार की नीति तो वह कदापि स्वीकार नहीं कर सकती और न विदेशी शब्दों को ही बाहर रखकर वह अपनी उन्नति कर सकती है। हिन्दुस्तान में हिन्दू मुसलमान, ईसाई, सिक्ख इत्यादि सभी बसते हैं, तो भी वह हिन्दुस्तान है। इसी प्रकार यदि हम सभी भाषाओं से उत्तम और आवश्यक शब्द लेंगे तो भी हिन्दी ही रहेगी।"
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